दोस्तों, इस लेख में हम What is Cibil Score के बारे मे सीखेंगे । सिबिल स्कोर एक ऐसा स्कोर है जो आपका फाइनेंसियल स्कोर बताता है. सिबिल स्कोर को क्रेडिट रिपोर्ट भी कहते हैं. इसकी जरूरत बैंक लोन के समय होती है. सामान्य तौर पर सिबिल स्कोर में लोन और क्रेडिट कार्ड्स से संबंधित भुगतानों के रेकॉर्ड्स को मासिक आधार पर बैंकों और अन्य कर्जदाताओं द्वारा सिबिल के पास जमा किया जाता है। इससे बैंक और NBFC Companies को लोन देने में आसानी होती हैं।
पश्चिमी देशों में वर्ष 1950 में एक क्रेडिट मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया गया था. इसी तर्ज पर वर्ष 2000 में CIBIL के नाम से एक Credit Rating Agency का शुरुआत की गई। CIBIL देश को Financially literate बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है. इससे Financial Market को यथा संभव transparent बनाया जा रहा है जिससे Financial Institution सही तरीके से रिस्क मैनेज कर सके. CIBIL SCORE लगातार अपने database, Technology, Software को अपडेट करने के साथ फाइनेंसियल कंपनी के बीच awareness बढ़ा रही है और ख़राब लोन (जिसमें रिकवरी न हो सके) उसे रोकने का काम कर रही है.
CIBIL पूरे देश में सबसे बड़ा Credit Bureau Organization है जिसे RBI के अधीन रखा गया है. इसे Credit Information Companies Act 2005 के तरह शुरू किया जाता है. अब यहाँ बात आती है- WHAT IS CIBIL SCORE और कैसे चेक किया जाता है ? देश का कोई भी नागरिक अपना क्रेडिट स्कोर बहुत आसानी से ऑनलाइन चेक कर सकता है. कई कंपनी है जो क्रेडिट स्कोर चेक करने की सुविधा देती है !
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1. CIBIL SCORE क्या है ?
CIBIL का फुल फॉर्म Credit Information Bureau of India Limited है. ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है जिसे सामान्य रूप से क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है. इस जानकारी का उपयोग कर क्रेडिट इन्फोर्मेशन रिपोर्ट (सीआईआर) तथा क्रेडिट स्कोर विकसित किया जाता है, जिनकी बदौलत लेंडर्स लोन आवेदनों का मूल्यांकन कर स्वीकृत करते हैं. CIBIL Transunion Score तीन अंकों का एक नंबर है जो 300 से 900 के बीच होता है. यह Credit History पर निर्भर करता है. यहाँ ज्यादा Credit Score अच्छा माना जाता है. अगर एक शब्द में बात करें तो यह Credit Score लोन राशि लौटने के योग्यता को दर्शाता है , यह वह संख्या है जिससे तय होता है आवेदक को लोन दिया जाना चाहिए या नहीं ?
2. CIBIL Score काम कैसे करता है?
समय पर लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान की रिपोर्ट बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा मासिक आधार पर सिबिल के पास जमा किया जाता है. इस जानकारी का उपयोग कर Credit Information Report और क्रेडिट स्कोर बनाया जाता है. किसी भी लोन की स्वीकृति के लिए CIBIL Score या Credit Score को प्रमुखता से देखा जाता है. कोई भी वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले आवेदक का क्रेडिट स्कोर चेक करती है. यदि क्रेडिट स्कोर कम है तो कर्जदाता यानी बैंक या वित्तीय संस्था पहले इसे सही करने को बोलता है. लोन देने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर (750-900) के बीच माना जाता है।
Credit History के आधार पर CIBIL SCORE Calculate किया जाता है.
यहाँ कई बातों को ध्यान में रखा जाता है. जैसे – Credit History (30%), Credit Mix & Duration (25%), Credit Exposure (25%), Credit Utilization (10%), Recent Credit Behaviour (10%).
3. CIBIL SCORE किस पर निर्भर करता है ?
कई ऐसा फैक्ट है जिससे CIBIL SCORE में बदलाव होता रहता है. नीचे कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट के बारें में बताया गया है.
- Unsecured Loans – जैसा कि इसके नाम से पता चलता है ऐसे लोन में बैंक या NBFC Companies कोई Asset गिरवी के तौर पर नहीं रखता है. ऐसा लोन आपके CIBIL SCORE को काम करता है.
- LOAN Repayment – किसी भी लोन का repayment किस तरह से किया गया है या किस तरह से किया जा रहा है. समय पर EMI जमा नहीं करने से समस्या ज्यादा होता है.
- CREDIT USE – Credit Score के आधार पर लोन क्रेडिट तय किया जाता है आपको कितना लोन मिल सकता है. कभी भी पूरा क्रेडिट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- Loan Duration – हमेशा लोन वापिस करने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय लें. इससे EMI बहुत कम होता है और आसानी से Loan EMI जमा किया जाता है. आपके पास बजट है तो आप समय से पहले भी लोन राशि जमा कर सकते हैं. इससे क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है.
- Loan Applications – यदि कई जगह एक साथ लोन के लिए अप्लाई किया जाता है और वो रिजेक्ट होता है तो वह भी काउंट किया जाता है. ज्यादा रिजेक्शन क्रेडिट स्कोर ख़राब कर देता है. ऐसे में कई जगह एक साथ लोन अप्लाई करने से बचे.
- Credit Limit – कई बार ऐसा देखा गया है लोग हमेशा क्रेडिट बढ़वाना चाहते हैं. यह CIBIL SCORE को ख़राब करने के लिए काफी है.
- Guarantor / Co-Borrower – लोन लेना या किसी का गारंटर बनना दोनों ही क्रेडिट स्कोर के अधीन आता है. ऐसे ऐसे में रिस्की लोन में गारंटर बनने से बचे.
4. CIBIL SCORE कितना होना चाहिए ?
सामान्य तौर यह 300 से 900 के बीच होता है और 750 से ज्यादा स्कोर को सही सिबिल स्कोर माना जाता है. यदि 300 से कम CIBIL SCORE है तो कोई भी बैंक लोन नहीं देगा। कोई भी Financial Institution लोन देने से पहले यह तय करना चाहती है आवेदक समय पर ब्याज सहित लोन राशि वापिस कर पायेगा या नहीं?
- 750 से 900 के बीच का स्कोर बेहतरीन Financial Track Record दर्शाता है. यहाँ हर तरह का लोन वो भी आपकी शर्तों पर मिल सकता है. जैसे Loan Tenure, Loan Amount, Credit Card Limit.
- 600 से 700 के बीच लोन क्रेडिट कार्ड तो आसानी से मिल जायेगा लेकिन, Negotiation नहीं .कर सकते।
- 450 से 600 तक लोन राशि और क्रेडिट कार्ड लिमिट बहुत कम मिलता है.
- 450 से कम क्रेडिट स्कोर होने पर लोन मिलना पूरी तरह बैंक पर निर्भर है यदि समय पर EMI दिया जाये तो शायद सुधार हो सकता है.
- “600 से 750 तक एक बेहतर क्रेडिट स्कोर के तहत रखा गया है.”
5. CIBIL SCORE कैसे चेक करें ?
यदि भविष्य में कोई लोन लेना चाहते हैं तो अभी से अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर बनाये रखें। लेकिन, इसके लिए यह जानना भी जरूरी है, सिबिल स्कोर कैसे चेक करें? सिबिल स्कोर चेक करने के लिए कई वेबसाइट है जिसमें से एक वेबसाइट के बारें में मैं यहां बता रहा हूँ.
सिबिल स्कोर चेक करने के लिए WWW.CIBIL.COM साइट जाना होगा और वहा पर जाकर FREEE CIBIL SCORE CHECK पर क्लिक करे। उसके बाद यहाँ एक फॉर्म भरना होता है जिसमें नाम, पता, पैन कार्ड नंबर, और फ़ोन नंबर दर्ज करना होता है,इ सके बाद कुछ सवालों का जवाब देना होता है, उसके कुछ ही समय में आपका सिबिल स्कोर आपके सामने होता है.
नोट – यहाँ सिर्फ एक बार ही मुफ्त में क्रेडिट स्कोर देखा जा सकता है. यदि आगे भी चेक करना है तो CIBIL.COM का सब्सक्रिप्शन लेना होगा।
Credit Bureau Companies in India
- TransUnion Credit Information Bureau (India) Limited (or CIBIL)
- Equifax
- CRIF High Mark
- Experian
6. CIBIL SCORE बेहतर कैसे करें ?
लोन की प्रक्रिया आसान करना चाहते हैं तो क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना होगा । इनमें से कुछ जरूरी बातों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाये तो बहुत आसानी से इसे Cibil score बेहतर किया जा सकता है.
- हमेशा समय से पहले या समय पर EMI जमा करें। देर होने पर ब्याज भी देना होता है और क्रेडिट स्कोर भी ख़राब होता है. EMI समय पर जमा हो इसके लिए रिमाइंडर लगाएं।
- Credit Mix को बनाये रखें जैसे Unsecured Loans (जिसमें कोई गारंटी नहीं होता) के साथ secured loan भी पोर्टफोलियो में शामिल करें।
- बैंक यदि क्रेडिट लिमिट बढ़ाना चाहती है तो जरूर बढ़वाए लेकिन, जरूरत के अनुसार ही इसका इस्तेमाल करें। इससे available credit हमेशा ज्यादा रहता है जो Credit Score improve करता है.
- सभी क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर करें।
- Credit Card का इस्तेमाल extreme limit तक करने से बचे जितना कम इस्तेमाल करेंगें उतना ही जल्दी आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो जायेगा।
- Loan Tenure (समय) ज्यादा रखें। इससे क़िस्त कम होगा जिसे आसानी से दिया जा सकता है.
- यदि बहुत ज्यादा जरूरत नहीं हो तो एक समय में कई लोन बिलकुल भी मत लीजिये।
7. सिबिल स्कोर निष्कर्ष –
What is CIBIL SCORE (सिबिल स्कोर क्या है) ? इसके बारें में पूरी जानकारी देने की कोशिश की गयी है. उम्मीद है सिबिल स्कोर से सम्बंधित सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा।
यदि CIBIL SCORE से सम्बंधित आपका कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए। आपके सवाल से हमें और बेहतर जानकारी आप तक पहुंचाने में मदद करता है. यह जानकारी फेसबुक, व्हाट्सप्प और अन्य सोशल मीडिया के जरिये अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिये।